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भारत सरकार का ‘‘सबका साथ, सबका विकास’’ का सिद्धांत नेशनल कॉन्क्लेव – पॉवर ऑफ द कलेक्टिव में साझा किए गए अनुभवों में स्पष्ट प्रतिबिंबित हुआ


‘‘राष्ट्रीय नेतृत्वकर्ताओं के सक्षम मार्गदर्शन में भारत के कोविड-19 वैक्सीनेशन अभियान में अनेक अंशधारकों ने सहयोग देकर इसे सच्चे मायनों में एक जनआंदोलन बना दिया’’: डॉ. अशोक बाबूसंयुक्त सचिवस्वास्थ्य व परिवार कल्याण के लिए राज्यमंत्री

नई दिल्ली : माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उद्देश्य के अनुरूप अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति को सशक्त बनाने के लिए अंत्योदय की ओर भारत सरकार के प्रयास सार्वजनिक स्वास्थ्य के मामले में कई लोगों और संगठनों के अथक परिश्रम से जुड़े हैं। यह कॉन्क्लेव कोविड-19 पर भारत की सफलता की खुशी मना रही है,जिसे पॉवर ऑफ द कलेक्टिव नाम दिया गया है। हम वास्तव में वो देश बन गए हैं, जो सबका साथ, सबकाविकास में यकीन रखता है। हमारा उद्देश्य सदैव हर नागरिक तक पहुँचना है, देश के सबसे दूरदराज के कोने में सबसे नाजुक व्यक्ति तक पहुँचकर उनके स्वास्थ्य और सेहत की रक्षा करना है। इस कॉन्क्लेव का हिस्सा बनकर उन लोगों में मेरा विश्वास पुख्ता होता है, जिन्होंने कोविड-19 पर विजय पाने के लिए अथक परिश्रम किया। मुझे विश्वास है कि उनके ये प्रयास महामारी के बाद भी हमारा सहयोग करते रहेंगे। ये शब्द डॉ. अशोक बाबू, संयुक्त सचिव, स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय ने पत्रकार वार्ता में कहे।

डॉ. अशोक बाबू ने यह अवलोकन 31 जनवरी, 2023 को राष्ट्रीय कॉन्क्लेव में किया, जिसमें स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय एवं राज्य के स्वास्थ्य विभागों द्वारा भारत में कोविड-19 वैक्सीनेशन का कवरेज बढ़ाने के लिए यूसैड जैसे साथी संस्थानों के सहयोग से क्रियान्वित अभिनव पहलों का प्रदर्शन किया गया था। इस कॉन्क्लेव में डॉ. मनोहर अगनानी, पूर्व एडिशनल सेक्रेटरी, स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय; मिस पैट्रिसिया ए. लैसिना, डिप्टी चीफ ऑफ मिशन, यूएस दूतावास; डॉ. सेठ बर्कले, सीईओ, गवि, द वैक्सीन अलायंस; डॉ. वीणा धवन, एडिशनल कमिश्नर (इम्युनाईज़ेशन), स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय; मिस संगीता पटेल, डायरेक्टर, हैल्थ ऑफिस, यूसैड; डॉ. संजय कपूर, मैनेजिंग डायरेक्टर, जॉन स्नो इंडिया आदि मौजूद थे। इसका आयोजन इंपीरियल होटल, दिल्ली में किया गया था और इसमें 33 राज्यों के स्वास्थ्य विभागों ने हिस्सा लिया था। इस समारोह की मेजबानी स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय और यूनाईटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूसैड) द्वारा सपोर्टेड जॉन स्नो इंडिया ने की। इस कॉन्क्लेव से पूर्व 30 जनवरी, 2023 को एक क्लोज़्ड डोर मीटिंग का आयोजन हुआ था, जिसमें अंशधारकों ने हिस्सा लेकर स्वास्थ्य प्रणाली को और ज्यादा मजबूत बनाने के लिए कोविड-19 वैक्सीनेशन कार्यक्रम के प्रभाव और परिणामों को साझा किया।

ट्रांसजेंडर समुदाय या वृद्धों जैसे नाजुक समूहों को हमारे सहयोग की जरूरत है। मैं राज्य के इम्युनाईज़ेशन अधिकारियों और कोविड-19 वॉरियर्स को बधाई देता हूँ, जिन्होंने अंतिम छोर तक वैक्सीन की पहुँच और उनका संरक्षण संभव बनाया।’’ इस कॉन्क्लेव में एक फोटो प्रदर्शनी के माध्यम से उन अभिनव और आधुनिक तरीकों का प्रदर्शन किया गया, जिनके माध्यम से वैक्सीनेशन अंतिम छोर तक पहुँच सका। जमीनी स्तर पर वैक्सीनेशन में मदद करने वाले कोविड-19 वॉरियर्स और हैल्थकेयर वर्कर्स, राज्यों के इम्युनाईज़ेशन अधिकारियों आदि को सम्मानित करने के लिए एक सम्मान समारोह का आयोजन भी कॉन्क्लेव में किया गया। डॉ. बाबू एपं अन्य गणमान्य लोगों ने कोविड-19 वैक्सीनेशन की सर्वश्रेष्ठ विधियों के साथ एक कंपेंडियम भी लॉन्च किया।

यूएस एम्बेसी की डिप्टी चीफ ऑफ मिशन, पैट्रिसिया ए. लैसिना ने कहा, ‘‘आपके जैसे कर्मियों की बदौलत भारत में 2.2 बिलियन से ज्यादा कोविड-19 वैक्सीनेशन की खुराक देने में सफलता मिली, जो इस बात का उदाहरण है कि संकट के समय राजनैतिक इच्छाशक्ति, इनोवेशन, प्रतिबद्धता, पार्टनरशिप और टेक्नॉलॉजिकल विशेषज्ञता से क्या कुछ हासिल नहीं किया जा सकता। महामारी के दौरान 150 से ज्यादा देशों में आवश्यक दवाईयाँ, कमोडिटीज़, और वैक्सींस की आपूर्ति करके विश्व को राहत प्रदान करने के लिए भारत के योगदानों और उपलब्धियों को पूरे विश्व में सम्मान मिलते देखना बहुत आनंदप्रद है। महामारी फैलने के बाद से ही अमेरिका ने महामारी के खिलाफ लड़ाई में भारत सरकार का सहयोग किया। हमने उन लोगों को मदद पहुँचाई, जो कोविड-19 का शिकार हुए, आवश्यक सार्वजनिक स्वास्थ्य के संदेशों का प्रसार किया, इसके कलंक को संबोधित किया, कोविड-19 की टेस्टिंग मजबूत की, और आपातकाल की तैयारी, प्रतिक्रिया एवं रिकवरी के लिए अभिनव वित्तीय समाधान जुटाए। आज हम यहाँ इसीलिए एकत्रित हुए हैं। हम न केवल अपने द्वारा किए गए अद्भुत प्रयासों की खुशी मना रहे हैं, बल्कि हमने महामारी से काफी कुछ सीखा भी है, और इस सीख का इस्तेमाल हम अगली महामारी से लड़ने के लिए करेंगे।’’

डॉ. संजय कपूर, मैनेजिंग डायरेक्टर, जॉन स्नो इंडिया ने कहा, ‘‘हमें भारत में नाजुक वर्ग को वैक्सीन कवरेज प्रदान करने के लिए स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय का सहयोग करने पर गर्व है। यूसैड के इंप्लीमेंटेशन पार्टनर के रूप में हमें अंतिम छोर तक वैक्सीन पहुँचाने के लिए जमीनी स्तर के संगठनों के साथ मिलकर काम करने का अवसर मिला। इस नेशनल कॉन्क्लेव में हमें इतने सारे अंशधारकों की प्रतिभागिता को देखकर बहुत अच्छा लगा। हमारे साथ सरकार और अन्य गैर सरकारी प्रतिष्ठित प्रतिनिधि मौजूद है। इससे प्रदर्शित होता है कि एक संपूर्ण समाज पर केंद्रित ठोस दृष्टिकोण द्वारा भारत ने क्या हासिल किया है और भविष्य में हम क्या हासिल कर सकते हैं।’’

पैनल्स में अनेक विषयों पर वार्ता की गई, जिनमें कुछ विषय ‘भारत की कोविड-19 प्रतिक्रिया के परिणाम और विज़न 2047 प्राप्त करने के लिए भारत को हैल्थकेयर में ग्लोबल लीडर बनाने के लिए अपनी सीख का इस्तेमाल करना’; ‘भारत में पार्टनरशिप और निवेश द्वारा स्वास्थ्य के ढाँचे को मजबूत करना’; जन स्वास्थ्य के संकट को संबोधित करने के लिए भारत में समुदाय पर आधारित दृष्टिकोण; और ‘अत्यधिक वैक्सीन अपटेक एवं हैल्थ ईक्विटी सुनिश्वित करने के लिए मल्टी-डिसिप्लिनरी दृष्टिकोण की शुरुआत करना शामिल हैं। कॉन्क्लेव में आयोजित मीटिंग्स और पैनल वार्ताओं में स्वास्थ्य मंत्रालय से लेकर अंतर्राष्ट्रीय संगठनों, जैसे यूसैड, डब्लूएचओ, जॉन स्नो इंडिया, यूनिसेफ, गवि, वर्ल्ड बैंक और यूएनडीपी आदि से अनेक प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।

जनवरी में भारत ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की। देश के कोविड-19 वैक्सीनेशन अभियान को शुरू हुए दो साल पूरे हुए। यह विश्व का सबसे बड़ा अभियान था, जो प्रधानमंत्री जी ने 16 जनवरी, 2021 को शुरू किया था। इस समय देश ने अनेक चुनौतियों और कोविड-19 की लहरों का सामना करते हुए 220 करोड़ से ज्यादा डोज़ लगाईं, जिसके परिणामस्वरूप भारत में 90 प्रतिशत व्यस्क आबादी को वैक्सीन की सभी खुराक लग सकीं। देश में विस्तृत तौर से चलाए गए वैक्सीनेशन कार्यक्रम से कई महत्वपूर्ण सीखें और सर्वश्रेष्ठ विधियाँ सीखने को मिलीं। इस जानकारी के डॉक्युमेंटेशन और प्रसार में भारत की स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत बनाने की क्षमता है, जो देश में भविष्य की आपात स्थितियों से निपटने के लिए जरूरी है। पार्टनर संगठनों, जैसे यूसैड की भी भूमिका अब तक भारत के इस सफर में महत्वपूर्ण रही है।

यूसैड का एक नया अभियान मूमेंटम रूटीन इम्युनाईज़ेशन ट्रांसफॉर्मेशन और ईक्विटी प्रोजेक्ट है। यूसैड ने जॉन स्नो इंडिया को भारत के लिए कंट्री इंप्लीमेंटेशन पार्टनर बनाया है, ताकि राष्ट्रीय और राज्य की सरकारों को भारत में कोविड-19 वैक्सीनेशन के लिए तकनीकी सहयोग दिया जा सके। स्थानीय एनजीओ के साथ पार्टनरशिप्स द्वारा इस प्रोजेक्ट ने 18 राज्यों और केंद्रीय प्रांतों में खासकर नाजुक और सीमांत आबादी के लोगों के बीच कोविड-19 वैक्सीन की मांग, वितरण, और अपटेक बढ़ाने में मदद की है।


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