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बिहार पवेलियन में ट्रेड फेयर के आखिरी दिनों में हस्तशिल्प और सुगंधित मोमबत्तियों पर भारी छूट


26 नवंबर 2024, नई दिल्ली : दिल्ली के प्रगति मैदान में चल रहे भारत अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले (IITF) में बिहार पवेलियन ने अपनी परंपरागत और समकालीन कलाओं के माध्यम से लोगों का दिल जीत लिया है। बिहार की समृद्ध हस्तकला, स्थानीय उत्पाद, और स्टार्टअप्स के प्रयासों ने न केवल भारतीय संस्कृति की झलक पेश की, बल्कि वैश्विक पहचान का भी दावा किया।

मिथिला पेंटिंग से लेकर सुगंधित मोमबत्तियों तक का आकर्षण

बिहार पवेलियन में मधुबनी की मशहूर मिथिला पेंटिंग, हस्तशिल्प, और स्टार्टअप क्राफ्टेज की सुगंधित मोमबत्तियां लोगों को लुभा रही हैं। जहां शांति देवी द्वारा बनाई गई मिथिला पेंटिंग पर 20% की छूट दी जा रही है, वहीं क्राफ्टेज की सुगंधित मोमबत्तियों पर 10% का आकर्षक डिस्काउंट है।

महिला सशक्तिकरण की मिसाल: अनीता गुप्ता का योगदान

भोजपुर, आरा की महिला हस्तशिल्प उत्पादक कंपनी लिमिटेड की अध्यक्ष अनीता गुप्ता ने अपने स्टॉल पर गांव की महिलाओं द्वारा बनाए गए हस्तशिल्प का प्रदर्शन किया। उनके उत्पाद न केवल भारत में, बल्कि 7 अन्य देशों में भी लोकप्रिय हो रहे हैं। अनीता ने अब तक 1 लाख महिलाओं को हस्तशिल्प का प्रशिक्षण दिया है और 10,000 महिलाओं को रोजगार प्रदान किया है।

कला और परंपरा का संगम: भागलपुर के कारीगरों की अनूठी कला

भागलपुर के मोहम्मद रफीक खान, अज़हर अब्बास, और गुफरान अहमद जैसे कलाकारों ने हैंडलूम, तसर सिल्क, और ब्लॉक प्रिंटिंग की उत्कृष्टता को मेले में प्रस्तुत किया। इनके उत्पाद ₹1200 से ₹9000 की रेंज में उपलब्ध हैं और अमेरिका, मलेशिया, जापान, पोलैंड, और कनाडा जैसे देशों में निर्यात किए जाते हैं।

नीतू सिन्हा का टेराकोटा कला में योगदान

टेराकोटा कला में 25 वर्षों का अनुभव रखने वाली नीतू सिन्हा ने अपने भित्ति चित्रों के माध्यम से बिहार की परंपराओं को जीवंत किया है। छठ पूजा पर आधारित उनका लाइव डेमो दर्शकों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।

ग्रामीण हस्तशिल्प और स्टार्टअप क्राफ्टेज का नवाचार

पटना के स्टार्टअप क्राफ्टेज ने मधुबनी और मंजूषा पेंटिंग से सजे लकड़ी के उत्पाद और सुगंधित मोमबत्तियां प्रस्तुत कीं। संस्थापक गगन गौरव ने इसे रिटेल बिक्री और नए वितरकों को खोजने का बेहतरीन मंच बताया।

फूड स्टॉल पर उमड़ी भीड़

बिहार फूड स्टॉल पर लिट्टी-चोखा, समोसा चाट, दही भल्ला, अनरसा, और सत्तू जैसे पारंपरिक व्यंजनों ने लोगों को अपनी ओर आकर्षित किया। “मिस्टर लिट्टीवाला” के देवेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि उनके व्यंजन वीकेंड पर लोगों के बीच विशेष लोकप्रिय रहे।

बिहार पवेलियन: भारतीय परंपरा की जीवंत प्रस्तुति

बिहार पवेलियन ने हैंडलूम, तसर सिल्क, जरी, ब्लॉक प्रिंटिंग, और मधुबनी पेंटिंग जैसी कलाओं के जरिए भारतीय संस्कृति को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने का प्रयास किया है। इस मेले ने कारीगरों, उद्यमियों, और ग्रामीण महिलाओं को अपनी कला और उत्पादों को प्रस्तुत करने का बड़ा मंच प्रदान किया है।


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