Shine Delhi

Home

अलख पांडे अमेरिका के हार्वर्ड में बोले: “भारतीय चंद्रयान मिशन से सीखो, उच्च स्तरीय शिक्षा भी हो सकती है किफ़ायती”


हाल ही में हार्वर्ड में हुए एक सत्र में फिजिक्स वाला के संस्थापक, अलख पांडे ने टेक्नोलॉजी की परिवर्तनकारी शक्ति और शिक्षा किफायती तरीके से सभी तक पहुँचाने के बारे में बताया। विद्यार्थियों से बात करते हुए पांडे ने बताया कि पीडब्लू  प्लेटफॉर्म किस प्रकार उच्च स्तरीय की शिक्षा प्रदान करने में आने वाली पारंपरिक वित्तीय बाधाओं को कम करने के लिए टेक्नोलॉजी का उपयोग कर रहा है और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा लाखों बच्चों तक पहुँचा रहा है।

पांडे ने उत्साह से फिजिक्स वाला के सफर को याद करते हुए प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी भारत में लाखों विद्यार्थियों तक पहुँचाने के लिए किफायती शैक्षिक मॉडल की भूमिका पर बल दिया। उन्होंने बताया कि मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं का पाठ्यक्रम शुल्क 1,00,000 रुपये से घटाकर मात्र 3000 रुपये कर दिया गया, और इस आम धारणा को बदल दिया कि उच्च गुणवत्ता की शिक्षा केवल ऊँची कीमतों में ही मिल सकती है। पांडे ने इस दृष्टिकोण की तुलना भारत के किफायती पर सफल अंतरिक्ष मिशनों से की। उन्होंने कहा,  “हमारे अंतरिक्ष मिशनों की तरह ही हमने दिखा दिया है कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा काफी कम खर्च में प्राप्त की जा सकती है, और यह साबित कर दिया है कि अच्छे परिणाम केवल महंगी शिक्षा से मिलेंगे, यह जरूरी नहीं।”

कॉलेज ड्रॉपआउट से एक सफल एजुकेशनल एंटरप्रेन्योर बनने के अपने सफर के बारे में पांडे ने बताया, “मैंने पढ़ाने की शुरुआत केवल कुछ लोगों को नहीं, बल्कि लाखों लोगों को पढ़ाने के सपने के साथ की। आज, फिजिक्स वाला केवल एक व्यवसाय ही नहीं, बल्कि शिक्षा को जनसमूह तक पहुँचाने वाला एक आंदोलन बन गया है।

यह एक सिद्धांत पर बल देता है कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा महंगी नहीं होनी चाहिए, और यह हर किसी की पहुँच में होनी चाहिए।”

अलख पांडे की कहानी शिक्षा में समानता लाने के लिए दृढ़ता और प्रतिबद्धता की कहानी है, जो पूरे विश्व में विद्यार्थियों और शिक्षकों को प्रेरणा देती है। अमेरिका में हार्वर्ड, यूसी बर्कले और स्टैनफोर्ड जैसे विश्वविद्यालयों में गेस्ट स्पीकर के रूप में उनकी यात्रा शिक्षा में परिवर्तन लाने में इनोवेशन व महत्वाकांक्षा की क्षमता प्रदर्शित करती है, और पहली पीढ़ी के लाखों शिक्षार्थियों को सफल होने की उम्मीद प्रदान करती है।


Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *