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उत्तराखंड की महत्वपूर्ण अधूरी सड़क निर्माण प्रोजेक्ट में देरी बना स्थानीय लोगों के लिए संकट


उत्तराखंड की महत्वपूर्ण अधूरी सड़क निर्माण प्रोजेक्ट में देरी से स्थानीय लोगों को करनी पड़ रही है ज्यादा दूरी तय

उत्तराखंड के महत्वपूर्ण सड़क निर्माण प्रोजेक्ट की स्थिति अब तक निराशाजनक रही है। 2005 से प्रस्तावित पटियाचौरा बेलनैकना बमनचौना बाटुला नैला खुरडी कसखेत रिखाडी पाली मोटर मार्ग, जो क्षेत्रीय विकास और यातायात सुविधाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, आज भी अधूरी पड़ी हुई है। इस सड़क के निर्माण के लिए पहले ₹1 करोड़ का बजट निर्धारित किया गया था, लेकिन 20 वर्षों के बाद अब यह बढ़कर ₹6 करोड़ से अधिक हो चुका है।

यह सड़क पटियाचौरा बेलनैकना बमनचौना बाटुला नैला खुरडी कसखेत रिखाडी पाली मोटर मार्ग जोड़ने के लिए बनाई जानी थी, ताकि वहां की जनता को बेहतर यातायात सुविधाएं मिल सकें। हालांकि, निर्माण की धीमी गति और प्रशासनिक उपेक्षा के कारण इसे समय पर पूरा नहीं किया जा सका।

इस अधूरी सड़क का असर विशेष रूप से बुजुर्गों पर पड़ रहा है, जिन्हें अस्थायी और जोखिमपूर्ण रास्तों से गुजरना पड़ता है। साथ ही, स्वास्थ्य सेवाओं और दैनिक जरूरतों तक पहुंच भी प्रभावित हो रही है। स्कूल जाने वाले बच्चों और कामकाजी लोगों को अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ती है।अधूरी सड़क होने के कारण, जब मरीज को अस्पताल लेकर जाते हैं, तो रास्ते में उन्हें काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, जिससे उनका समय बर्बाद होता है और इलाज में देरी हो जाती है।

इस साल जुलाई 2024 में इन लोगों ने पर्यटन राज्य मंत्री अजय टमटा से भी मुलाकात की थी। उनके सामने भी इस सड़क के निर्माण को लेकर अपनी समस्याओं को रखा और व्यवस्था करने की अपील की, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।

आज भी लोगों को बस स्टॉप तक पहुंचने के लिए 4 किलोमीटर तक यात्रा करनी पड़ती है, जो उनके लिए एक बड़ा संकट बन गया है

स्थानीय निवासी इस अधूरे प्रोजेक्ट के कारण परेशान हैं। इस सड़क के निर्माण से बच्चों की शिक्षा, ग्रामीण अर्थव्यवस्था, और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच में सुधार होता। 20 साल से अधूरे पड़े प्रोजेक्ट से लोगों में नाराजगी बढ़ती जा रही है।


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