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सोच में संघर्ष और दिशा सही हो तो महिलाओं की दशा भी अच्छी होगी : डा. रश्मि सिंह,आईएएस


आईएएस अधिकारी डा.रश्मि सिंह द्वारा विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस 2022 के आरजेएस वेबीनार के बैनर का लोकार्पण हुआ.

नई दिल्ली : आजादी की अमृत गाथा का छप्पनवां अंक महिलाओं का महिलाओं के लिए और महिलाओं के द्वारा सफल प्रस्तुत किया गया।

आरजेएस भारत-उदय सूचना केंद्र, जमशेदपुर, झारखंड की प्रभारी और वेबिनार की मॉडरेटर डा.पुष्कर बाला के सहयोग से राम जानकी संस्थान (आरजेएस)नई दिल्ली के राष्ट्रीय संयोजक उदय कुमार मन्ना और धर्मपत्नी श्रीमती बिन्दा मन्ना,  तथा तपसिल जाति आदिवासी प्रकटन्न सैनिक कृषि बिकाश शिल्पा केंद्र (टीजेएपीएस केबीएसके ), हुगली, पश्चिम बंगाल के सचिव सोमेन कोले और धर्मपत्नी श्रीमती आतोशी कोले के नेतृत्व में  महिलाओं को समर्पित वेबिनार 6 मार्च 2022 को आयोजित किया गया।

 “लैंगिक समानता : पूर्वाग्रह को तोड़ें“ थीम पर आधारित वेबिनार में  महिला शख्सियतों और स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि दी गई ।

रविवार 6 मार्च के महिला दिवस आरजेएस वेबिनार में मुख्य अतिथि डॉ रश्मि सिंह(आईएएस) विशेष सचिव सह निदेशक महिला एवं बाल तथा समाज कल्याण विभाग, दिल्ली सरकार, अतिथि वक्ता बीना जैन-ऑल इंडिया वूमेन्स कांफ्रेंस की संरक्षक, अध्यक्षीय संबोधन मधु पंत पूर्व निदेशक राष्ट्रीय बाल भवन, दिल्ली, अतिथि वक्ता डा.नम्रता श्रीवास्तव मेडिकल मेडिकल ऑफिसर – सरकारी होम्योपैथिक जिला अस्पताल, मऊ उत्तर प्रदेश ने लैंगिक समानता पर बल दिया और भ्रांतियों को दूर किया। मुख्य अतिथि डॉ रश्मि सिंह ने कहा कि अगर हमारी सोच में संघर्ष है और दिशा सही होगी तो लैंगिक समानता की दशा भी बेहतर होगी। महिलाओं का अभी तक सही मूल्यांकन नहीं हुआ।

वेबिनार में अपने संबोधन के बाद मुख्य अतिथि डा. रश्मि सिंह,आईएएस ने  रविवार 13 मार्च के विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस 2022 की थीम “फेयर डिजिटल फाइनेंस“ का डिजिटल बैनर लांच किया। आजादी की अमृत गाथा -अंठ्ठावनवां वां वेबिनार कंज्यूमर ऑनलाइन फाउंडेशन के सहयोग से किया जाएगा। वेबिनार में मुख्य अतिथि  साईबर-लॉ और ई -कॉमर्स लॉ के प्रख्यात विशेषज्ञ डा. पवन दुग्गल और मुख्य वक्ता ख्यातिप्राप्त उपभोक्ता नीति विशेषज्ञ प्रो. बिजॉन मिश्रा और अध्यक्षीय संबोधन के लिए श्री एम वी मैथ्यू ( अशोका फेलो) चेयरमैन एनओसीईआर-इंडिया को आमंत्रित किया गया है।

वेबिनार में अध्यक्षीय संबोधन करते हुए राष्ट्रीय बाल भवन की पूर्व निदेशक और लेखिका डॉ मधु पंत ने  अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर महिलाओं की स्थिति का चित्रण कविता के माध्यम से महिला संघर्ष को रेखांकित किया “ मैं बच्ची ही कहां ?”  “मैं भी एक खिलने वाली  कली थी, आने वाली सुबह सी सुनहरी भली थी, मां की ममता को तरसती, हर करवट के साथ लरजती, आधे अधूरे सहारों को सरसती, ममता के आंसूओं को तरसती।“

वेबिनार में अतिथियों का स्वागत शिक्षिका डा मुन्नी कुमारी ने किया वहीं धन्यवाद ज्ञापन रिटायर्ड शिक्षिका प्रेम प्रभा झा ने किया। अलग अलग राज्यों से आरजेएस सूचना केंद्र के सभी प्रभारी जुड़े वहीं काफी संख्या में महिलाओं की भागीदारी रही।


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