पिण्डजप्रवरारूढ़ा चण्डकोपास्त्राकैर्युता।
प्रसादं तनुते मह्य चन्द्रघण्टेति विश्रुता।।
मां दुर्गा के तीसरे रूप का नाम चंद्रघंटा है। नवरात्रि-उपासना में तीसरे दिन इन्हीं के विग्रह का पूजन किया जाता है। इनका यह स्वरूप परम शांतिदायक और कल्याणकारी है। इनके मस्तक में घंटे के आकार का अर्धचन्द्र होने के कारण इन्हें चंद्रघंटा देवी कहा जाता है। मां चन्द्रघंटा की मुद्रा सदैव युद्ध के लिए अभिमुख रहने से भक्तों के कष्ट का निवारण शीघ्र कर देती है, अतः इनका उपासक सिंह की तरह निर्भय हो जाता है।