चन्द्रहासोज्ज्वलकरा, शार्दूलवरवाहना।
कात्यायनी शुभं दद्यदेवी, दानवघातिनी।।
मां दुर्गा के छठे स्वरूप् का नाम कात्यायनी हैं कत नामक महर्षि के पुत्र ऋषि कात्य ने भगवती पराम की उपासना कर उनसे घर में पुत्री के रूप में जन्म लेने की प्रार्थना की थी। मां भगवती ने प्रार्थना स्वीकार कर ली। इन्हीं कात्य गोत्र में विश्व प्रसिद्ध महर्षि कात्यायन उत्पन्न हुई थे। महिषासुर का अत्याचार पृथ्वी पर बहुत बढ़ गया, तब भगवान ब्रह्मा, विष्णु, महेश तीनों ने अपने-अपने तेज का अंश देकर महिषासुर के विनाश के लिए एक देवी को उत्पन्न किया। महर्षि कात्यायन ने सर्वप्रथम इनकी पूजा की। इसी कारण से यह कात्यायनी कहलाई।