सिद्धगन्धर्वयक्षाद्यैर, सुरैरमरैरपि।
सेव्यमाना सदा भूयात्, सिद्धिदा सिद्धिदायिनी।।
नव दुर्गाओं में मां सिद्धिदात्री अंतिम हैं। अन्य आठ दुर्गाओं की पूजा-आराधना शास्त्रीय विधि-विधान के अनुसार करते हुए भक्त नवरात्र के नवें दिन इनकी उपासना में प्रवृत्त होते हैं। मार्कण्डय पुराण के अनुसार अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व और वशित्व-ये आठ सिद्धियां होती हैं। ब्रह्मवैवर्त्त पुरणा में श्रीकृष्ण जन्मखंड में ये सिद्धियां अठारह बताई गईं हैं। मां सिद्धिदात्री भक्तों और साधकों को ये सभी सिद्धिया प्रदान करने में समर्थ हैं। देवीपुराण के अनुसार भगवान शंकर ने इनकी कृपा से ही इन सिद्धियों को प्राप्त किया था। इनकी अनुकम्पा से भगवान शिव का आधा शरीर देवी का हुआ था।