- के. कुमार
फिल्म : फ़ोन भूत ।
कलाकार : कैटरीना कैफ , ईशान खट्टर , सिद्धांत चतुर्वेदी , जैकी श्रॉफ और शीबा चड्ढा।
लेखक : रवि शंकरन और जसविंदर सिंह बाथ।
निर्देशक : गुरमीत सिंह।
निर्माता : रितेश सिधवानी और फरहान अख्तर।
रेटिंग : 1.5 स्टार ।
वैसे अगर साल भर अच्छी फिल्मों की फेहरिस्त लगी रहती है, तो इसमें कोई गुरेज नहीं कि एकआध फिल्म दर्शकों को पसंद न भी आए, जी हां ऐसी ही एकआध फिल्म का नाम है ‘फोन भूत’। लेखक रवि शंकरन और जसंविदर के साथ निर्देशक गुरमीत सिंह आदि सभी के साथ यह फिल्म सफल नहीं रही। वो इसलिए फिल्म देखने पर एक उत्सुकता होती है, कि यह फिल्म भय के साथ कुछ रोमांच भी पैदा करेगी, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है।
पिछले कुछ समय से बॉलीवुड द्वारा बनाई जा रही फिल्में जैसे स्त्री, गोलमाल रिटर्नस, भूत आदि फिल्म में भय के साथ एक साधात्मक कमेडी देखने को मिलती है, लेकिन यह तो बिल्कुल टै्रक से परे है, मसलन न भय न कमेडी। संगीत और गानों के बारे में भी कुछ कह नहीं सकते।
ईशान खट्टर ने ‘धड़क’ से अपने अभिनय की शानदार शुरुआत की थी, जिसके बाद वे ‘खाली-पीली’ और इसके बाद ‘फोन-भूत’ के गुल्लू में भी इनका दम नहीं चला। दोनों में इनका ग्राफ और अभिनय डाऊन हो गया। आने वाले समय में दर्शकों को इनसे काफी उम्मीदें हैं, लेकिन यदि ऐसा रहा तो दर्शकों की खराब रेटिंग उनको झेलनी पड़ेगी। वहीं सिद्धांत अभिनेता चतुर्वेदी ने भी अपने अभिनय से कुछ कमाल नहीं किया।
अब बात करें सीनियर अभिनेत्री कैटरीना कैफ की, तो पता नहीं उन्होंने यह फिल्म क्या सोच कर साईन की, शायद उनको और किसी फिल्म का आसाईंनमेंट नहीं मिला। कहानी में कहां क्या उतार-चढ़ाव है, पता ही नहीं चलता, मसलन बीच में एक दृश्य में कैटरीना द्वारा स्लाईस पेय-पदार्थ का शो करना हजम नहीं होता। वहीं पंजाबी गाने पर भूतनी का डांस करना भी अखरता है।
और दर्शकों को लगता है, कि फिल्म देखनी चाहिए तो फैसला आपको है, आप जाएं जरूर जाएं, क्योंकि सिर्फ और सिर्फ एंटरटेंमेंट करना है, वैसे भी अच्छी फिल्में देखते हैं, तो एक बार यह भी जरूर देखकर आएं।