~ देशभर के विद्यार्थियों को कुल 90 लाख रुपये से ज्यादा धनराशि की छात्रवृत्तियाँ प्रदान की गईं।
नई दिल्ली : भारत के अग्रणी नैदानिक सेवा प्रदाता मेट्रोपोलिस हेल्थकेयर ने मेडएंगेज स्कॉलरशिप प्रोग्राम एंड समिट 2021-22 के तीसरे संस्करण का समापन किया है। मेट्रोपोलिस की प्रमुख सीएसआर पहल मेडएंगेज स्कॉलरशिप प्रोग्राम ने मेडिकल के 122 युवा विद्यार्थियों (फाइनल ईयर एमबीबीएस एवं एमडी/डीएनबी) को कुल 90 लाख रूपये से ज्यादा के पुरस्कार और छात्रवृत्ति अनुदान दिये हैं। यह शैक्षणिक अंकों, पाठ्यक्रमेतर गतिविधियों और प्रस्तुतियों में उनकी उपलब्धियों की सराहना के तौर पर किया गया है।
इस पहल पर अपनी बात रखते हुए, मेट्रोपोलिस हेल्थकेयर लिमिटेड के संस्थापक एवं चेयरमैन डॉ. सुशील शाह ने कहा: “इस छात्रवृत्ति कार्यक्रम के माध्यम से हमारा लक्ष्य मेडिकल के विद्यार्थियों को उनके थीसिस के टेस्ट के लिये, इंटर्नशिप प्रोग्राम्स में सहयोग के लिये और हमारी प्रयोगशालाओं में प्रशिक्षण के लिये अनुदान देकर उनके कठोर परिश्रम की सराहना करना है। यह कदम उठाकर हम उन्हें मेडिसिन के क्षेत्र में टेक्नोलॉजी के बदलावों के लिये तैयार करना चाहते हैं।”
इस साल के सम्मेलन में महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात, तमिलनाडु, दिल्ली, आंध्र प्रदेश, आदि राज्यों में स्थित कई सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों से 5000 से ज्यादा रजिस्ट्रेशंस मिले थे। पुरस्कार विजेता अपने शैक्षणिक प्रदर्शन और मूल्यांकन के कई अन्य मापदंडों के आधार पर एक कठोर चयन प्रक्रिया से गुजरे। अन्सर्ट एंड यंग एलएलपी को इस छात्रवृत्ति कार्यक्रम के लिये प्रोसेस एडवाइजर (प्रक्रिया सलाहकार) नियुक्त किया गया था।
साल 2018 में लॉन्च हुए मेडएंगेज स्कॉलरशिप प्रोग्राम का लक्ष्य है भारत की मेडिकल प्रतिभाओं को बढ़ावा देना। यह प्रोग्राम योग्य अभ्यर्थियों को आर्थिक रूप से पुरस्कृत कर और मेट्रोपोलिस की विश्व-स्तरीय प्रयोगशालाओं तथा ऑन बोर्ड विशेषज्ञों के पैनल के माध्यम से व्यावहारिक ज्ञान प्रदान कर देश के स्वास्थ्यरक्षा शोध में योगदान देने के लिये सहयोग करता है।
डॉ. शाह ने बताया, “हमारा मानना है कि इन मेडिकल विद्यार्थियों को हमारा लगातार सहयोग मिलने से यह अपनी पढ़ाई पूरी करने और भारत में अपनी मेडिकल प्रैक्टिस करने के लिये प्रोत्साहित होंगे, जहाँ आबादी के लिहाज से डॉक्टरों की कमी है। पिछले तीन वर्षों में मेडएंगेज प्रोग्राम के सफल कार्यान्वयन के बाद मेट्रोपोलिस हर साल काफी बड़े आयोजन की मेजबानी करना चाहता है और देश में स्वास्थ्यरक्षा का एक बेहतर पारितंत्र बनाने के लिये मेडिकल की युवा प्रतिभाओं का अभिनंदन करना चाहता है।”
चयनित 122 विद्यार्थी छह अलग श्रेणियों में चुने गये थे- चैम्पियन ऑफ चैम्पियंस (23), पीडागॉग (36), स्कॉलर कॉलर (15), द वाइब्रेंट वन (21), विज़किड (6) और वर्डस्मिथ (21)।
इस साल के संस्करण के विजेताओं का चयन ग्रैण्ड ज्यूरी के एक प्रतिष्ठित पैनल ने किया था, जिसमें सेठ जीएस मेडिकल कॉलेज, मुंबई के कार्डियोवैस्कुलर एंड थोरैसिक डिविजन में पैथोलॉजी डिपार्टमेंट के प्रोफेसर और द इंडियन एसोसिएशन ऑफ पैथोलॉजिस्ट्स एंड माइक्रोबायोलॉजिक्स के प्रेसिडेंट डॉ. प्रदीप वाइदीसवार; भारत सरकार के मानव संसाधन निदेशक डॉ. (कैप्टन) प्रतीक किनरा; एशियन इंस्टिट्यूट ऑफ ऑन्कोलॉजी प्रा. लि., कुम्बल्ला हिल हॉस्पिटल, मुंबई के मुख्य परिचालन अधिकारी डॉ. राजीव यादव; और ग्लेनईगल्स ग्लोबल हॉस्पिटल, मुंबई के सीईओ डॉ. विवेक तलाउलिकर शामिल थे।
सभी आवेदनों के मूल्यांकन का पहला राउंड वरिष्ठ मेडिकल विशेषज्ञों के एक पैनल ने संचालित किया था, जिसमें ग्रांट मेडिकल कॉलेज, मुंबई के माननीय असिस्टेन्ट प्रोफेसर ऑफ पीडियाट्रिक्स डॉ. अमीन काबा; कैंसर इंस्टिट्यूट (डब्ल्यूआईए), अदयार, चेन्नई में प्रोफेसर एवं सर्जिकल ऑन्कोलॉजी के हेड डॉ. अरविंद कृष्णमूर्ति; मेदांता, द मेडिसिटी हॉस्पिटल में पीडियाट्रिक गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी, हीपैटोलॉजी एवं लिवर ट्रांसप्लांटेशन की निदेशक डॉ. नीलम मोहन; टेक्सिला अमेरिकन यूनिवर्सिटी, कोयंबटूर में एमआरसीएस कोर्स की एज्युकेशनल सुपरवाइजर डॉ. राजश्री केलकर; कमांड हॉस्पिटल ईस्टर्न कमांड, कोलकाता में पैथोलॉजी डिपार्टमेंट की प्रोफेसर एवं एचओडी डॉ. कर्नल जसविंदर कौर भाटिया; पी.डी. हिन्दुजा हॉस्पिटल एंड मेडिकल रिसर्च सेंटर, खार में एमडी पीडियाट्रिक्स, न्यूबॉर्न एंड चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ. साधना कुवेलकर; आरयूएएस में फैकल्टी मेम्बर एवं ओरल पैथोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट की असोसिएट प्रोफेसर डॉ. सौम्या एसवी, एचसीजी-स्ट्रांड लाइफ साइंसेस में चीफ मेडिकल ऑफिसर एवं कंसल्टेन्ट हिस्टोपैथोलॉजिस्ट डॉ. मीना देसाई; पी.डी. हिन्दुजा हॉस्पिटल एंड मेडिकल रिसर्च सेंटर, मुंबई में हीमेटोलॉजी और ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन की कंसल्टेन्ट डॉ. शहनाज़ खोदाइजी शामिल थे।