नई दिल्ली : वर्षा जल संचय करें, संचित जल संरक्षित करें, संरक्षित जल का विवेकपूर्ण उपयोग करें और इस्तेमाल किए पानी को फिर से इस्तेमाल कर के हम एक ओर जल संकट से निपट सकते हैं वहीं पानी का बेहतर उपयोग कर सकते हैं। इस दिशा में जल प्रहरी जो प्रयास कर रहे हैं वह प्रेरणादायक है, उनके प्रयास जन आंदोलन बन रहे हैं, लोगों में पानी के प्रति चेतना बढ़ रही है। गांव के तालाब, कुंओ, नदियां के प्रति सम्मान व जागरूकता बढ़ रही है और इसके लिए मैं जल प्रहरी का आभार प्रकट करता हूं। यह उद्गार राजधानी में आयोजित जल प्रहरी समारोह में भारत सरकार के जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने व्यक्त किए । वर्चुअल संबोधन में उन्होंने सभी को बधाई दी और कहा कि यह जनांदोलन जारी रहने चाहिए। सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ( सेवानिवृत्त) एवं राज्यसभा सांसद जस्टिस रंजन गोगोई ने भी जल संरक्षण के प्रति समर्पण रखने वाले जल प्रहरियों के आयोजित समारोह को अनूठा बताते हुए कहा कि जल संकट से निपटने के लिए इससे बड़ा कोई और साधन नहीं हो सकता। उन्होंने सभी जल प्रहरियों को शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम में राज्यसभा सांसद विजयपाल तोमर, लोकसभा सांसद गोपाल शेट्टी, उनमेंष पाटिल के अलावा देश दुनिया में मशहूर जल पुरुष राजेंद्र सिंह भी मौजूद थे।
कार्यक्रम में 22 राज्यों से आए जल प्रहरियों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में आईएएस अधिकारी असम की बरनाली डेका, दुर्गा शक्ति नागपाल, मोतिहारी के डीएम श्रीसत कपिल व आईआरएस अधिकारी उज्जवल चव्हाण सहित कई प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद रहे। कार्यक्रम का आयोजन सरकारी टेल एवं जल शक्ति मंत्रालय के संयुक्त तत्वधान में किया गया। सरकारी टेल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमेय साठे ने सभी का स्वागत किया और कहा कि जल प्रहरी में पहली बार अंतरराष्ट्रीय नामांकन दाखिल किया गया है। इसी श्रंखला में नेपाल की कमला नदी को पुनर्जीवित करने वाले बिक्रम यादव को भारत में माल्टा के उच्चायुक्त रोबिन गाउची ने सम्मानित किया गया। कार्यक्रम संयोजक अनिल सिंह ने धन्यवाद करते हुए कहा कि यह सफर इसी तरह चलता रहेगा और प्रत्येक जल प्रहरी को सशक्त बनाना ही इस मुहिम पहला संकल्प है।
जल पुरूष राजेन्द्र सिंह ने दुबई एक्सपो में जल प्रदर्शनी व विभिन्न देशों की जानकारी देते हुए बताया कि भारत में भी लाखों लोग करोडों लीटर पानी रोजाना बचा रहे हैं। अब हर जन की बारी है।
जल प्रहरी-2022 के तौर पर दिल्ली से पर्यावरण रक्षक दिवान सिंह और सुलभ इंटरनेशनल के बिंदेश्वर पाठक, हरियाणा, सोनीपत अभिमन्यु दहिया, गुजरात भावनगर निवासी से रमेश भाई पटेल, आंध्र प्रदेश विशाखापत्तनम से बोलाशेट्टी सत्यनारायण, महाराष्ट्र के अमेजुगाई लातूर से अनिकेत लोहिया, रसिक कुंकुल, नांदेड़ से दीपक मोरताले, शिरडी से शिवाजी घाडग़े, मुंबई से आईआरएस अधिकारी उज्जवल चव्हान, वारुण से विजय देशमुख, बिहार के छपरा से मानव मनोहर, मोतिहारी के डीएम श्रीशत कपिल अशोक (आईएएस), अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर से इगम बसार, असम कोकराझार की डीसी बर्नाली डेका (आईएएस), उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा गौतम बुद्ध नगर से रामबीर तंवर, वाराणसी सजल श्रीवास्तव और सुल्तानपुर से संदीप अग्रहरि, जम्मू कश्मीर के लद्दाख से एसवांग नामगई, झारखंड के देवघर से समीर अंसारी,हजारीबाग से संजय कुमार सिंह, मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा से नीरज वानखेड़े ग्वालियर से पंकज तिवारी, इंदौर से प्रियांशु कुमठ, छत्तीसगढ़ से विरेंद्र सिंह, राजस्थान के बांसवाड़ा से जयेश जोशी, लाडनूं रजनीश शर्मा, कोटपूतली से विष्णु मित्तल, ब्रह्मकुमारी माउंट आबू से यशवंत पाटिल, उत्तराखंड से प्रकाश सिंह और राजेंद्र सिंह बिष्ट और त्रिपुरा के अगरतला से विभूति देव बर्मा को सम्मानित किया गया।
—