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अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में आम जनता के लिए मेले में पहला दिन होने के कारण सरस मेले में लोगों की भीड़ लगी रही, लोगों ने जमकर खरीदारी भी की


  •  भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में मुख्य आकर्षण का केंद्र है सरस
  •  14से27 नवंबर तक चलने वाले इसउत्सव में 300 के करीब महिला शिल्प कलाकार150 के करीब स्टॉलों पर अपनी अपनी उत्कृष्ट प्रदर्शनी का प्रदर्शन कर रहे

 नई दिल्ली : शनिवार को जैसे ही भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला आम लोगों के लिए खुला लोग भारी संख्या में अपने अपने परिवार के साथ सरस मेला में आए। इसमें भी आज विकेंड होने के कारण लोगों की भारी भीड़ सरस आजीविका मेला में देखने को मिला। भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में जहां सैकड़ों व्यापारिक कंपनियाँ और मंत्रालय व विभिन्न राज्यों के स्टाल लगे हैं वहीं प्रगति मैदान के बीचोंबीच हाल नंबर सात (ए,बी,सी) में सरस आजीविका मेले की आबोहवा देखते ही बनती है। विशाल गेट, स्टालों की सजावट, शानदार थीम पवेलियन और सायंकाल को होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों की बदौलत सरस आजीविका मेला दर्शकों की पहली पसंद बन गया है। प्रगति मैदान में प्रवेश करते ही दर्शकों की पहली पसंद सरस का भ्रमण होता है। 26 राज्यों की स्वयं सहायता समूहों की 300 महिलाएँ देश भर के ग्रामीण उत्पादों से मेले की रौनक़ बनाए हुए है। वहीं, शाम को थकावट के बाद लोगों ने सरस मेले में चल रहे सांस्कृतिक संध्या का आनंद भी उठाया।

दिल्ली के विकास पुरी से प्रगति मैदान घूमने आई शालू का कहना है कि सरस के बिना अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले की कल्पना भी नहीं की जा सकती। सरस दिल्लीवासियो के दिलों पर राज करता है। कनाट प्लेस में हुए सरस फ़ूड फ़ेस्टिवल ने तो अभी तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। साफ़ सफ़ाई, मेडिकल सुविधाएँ,फ़ायर मैनेजमेंट और कुशल प्रबंधन सरस को दूसरी इवेंट से ऊपर रखता है। “ मैं पिछले 10 सालो से आ रही हूं। सरस सदैव नंबर वन पर ही रहता है।

ज्ञात हो कि दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित 41वें विश्व व्यापार मेले में एक बार फिर परंपरा, क्राफ्ट,कलाएवंसंस्कृति से सराबोर“वोकल फॉर लोकल, लोकल टू ग्लोबलथीम के साथ, 14 नवंबर से 27 नवंबर  तक प्रसिद्ध सरस आजीविका मेला 2022 का आयोजन प्रगति मैदान स्थित हॉल नंबर 7 (ए, बी, सी) में किया जा रहा है। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय औरराष्ट्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज संस्थान (एनआईआरडीपीआर) द्वारा आयजित इस सरस आजीविका मेला 2022 मेंग्रामीण भारत की शिल्प कलाओं का मुख्य रूप से प्रदर्शन किया जा रहा है। 14नवंबर से27नवंबर तक चलने वाले इस उत्सव में 300 के करीब महिला शिल्प कलाकार150 के करीब स्टॉलों पर अपनी अपनी उत्कृष्ट प्रदर्शनी का प्रदर्शन कर रहे हैं।

सरस आजीविका मेला 2022 में कुछ उत्कृष्ट प्रदर्शन जो विभिन्न राज्यों से हैं वो इस प्रकार हैं – अंडमान एंड निकोबार से बैंबू प्रोडक्ट,  अरुणाचल प्रदेश से पारंपरिक कपड़े, बैंबू प्रोडक्ट्स, आसाम से असामीज कपड़े के मेटेरियल, वाटर हायसिन्थ प्रोडक्ट्स, केन एंड बैंबू प्रोडक्ट्स, आंध्रप्रदेश से साउथ इंडियन पिकल, तेल, हर्बल हनी, वुडेन हेंडीक्राफ्ट, साड़ी और सॉफ्ट खिलौने आदि रहेंगे। बिहार से मधुबनी पेंटिंग, सिल्क साड़ी, सोलर टार्च, लाह की चूड़ियां और प्राकृतिक शहद रहेंगे। छत्तीसगढ़ से कॉटन सूट, फुलकारी सूट, सिल्क साड़ी, मेटल आर्ट, बेल मेटल, ड्राई फ्रूट्स और स्नैक्स, पापड़, आम के अचार और हल्दी पाउडर वहीं, गुजरात से मिस्लेनियस हेंडलूम आइटम, सिल्क साड़ी, दुपट्टा, बेल मेटल, गारलेंड्स, वुडेन हेंडीक्राफ्ट, पैटचित्रा के साथ साथ बेड डेकोरेटिव आइटम रहेंगे। जबकि गोवा से कुची हेंडीक्राफ्ट्स और स्नैक्स रहेंगे। हरियाणा से कॉटन सूट, साड़ी, दुपट्टा, टेराकोटा आइटम, क्लाउथ मेटेरियल, ड्रेस मेटेरियल, ज्वेलड़ी, स्नैक्स में मशहूर महुआ लड्डू। हिमाचल प्रदेश से मिस्लेनियस हेंडलुम आइटम, साक्स, हेंडबैग, साबुन वहीं, जम्मु कश्मीर से गोल्डन ग्रास प्रोडक्ट, कुची हेंडीक्राफ्ट, क्लाउथ मेटेरियल आदि।

झारखंड से ट्राइबल ज्वेलरी, हनी, मिक्स अचार, दाल, आम के अचार, फ्लोर, आर्गेनिक वेजीटेबल और मशाले, चावल, दाल, साबुन के साथ ही स्नैक्स में हाथ के बनाए हुए चॉकलेट मशहूर रहेंगे। कर्नाटका से वुडेन खिलौने, पेपर, कॉफी पाउडर, कार्डामॉम क्लाउथ मेटेरियल, हनी,मिक्सड पीकल, जैगरी, पेंटिंग, वुडेन हेंडीक्राफ्ट. साथ ही केरला से कोकोनट ऑयल, कार्डामॉम,पेपर, मिस्लेनियस हेंडलुम आइटम, बनाना चिप्स, स्नैक्स, हेडमेड चॉकलेट, मशाले, क्ले डेकोरेटिव आइटम। लद्दाख से ड्राई फ्रूट्स, हेंड एमब्रोडरी वर्क, कार्पेट, लेदर पर्स और तेल। मध्य प्रदेश से मिस्लेनियस हेंडलुम आइटम, चंधेरी साड़ी, जैगरी, बैंबू प्रोडक्ट, दुपट्टा, गोंद, डेकोरेटिव आइटम। महाराष्ट्र से एमब्रोडरी ड्रेस, वुडेन खिलौने, लेमन पिकल। मणीपुर से वाटर हायसिन्थ प्रोडक्ट, मिजोरम से कड़ी पाउडर, ब्लैक पेपड़, नागालैंड से बासकेट, सैंडल, ट्राइबल ज्वेलरी, ओडिशा से सबाई हेंडीक्राफ्ट, काश ग्रास, तासर साड़ी, पंजाब से जूट बैग, कुशा मैट्स, कुची हेंडीक्राफ्ट, वुलेन जैकट। पुडुचेड़ी से बेड्स ज्वेलड़ी, इमीटेशन ज्वेलड़ी।

राजस्थान से ब्लॉक प्रिंटेड बेडसीट, आर्टीफैक्ट्स और आयरन टुल्स प्रोडक्ट, तमिलनाडु के पारंपरिक कपड़े और स्पेशल साड़ी आदि। तेलंगाना से स्पेशल साड़ी, त्रिपुड़ा के पारंपरिक कपड़े। उत्तराखंड के आर्गेनिक दालें, ग्रास बॉक्स, टेराकोटा आइटम, ब्लॉक प्रिंटेड बेडशीट, आयरन टुल्स प्रोडक्ट। उत्तर प्रदेश से हेंड एमब्रोडरी वर्क, पॉटरी वर्क, स्टोल, डिजायनर बेडशीट, शिल्क साड़ी, मेटल डेकोरेटिव आयटम। वेस्ट बंगाल से होम डेकोर प्रोडक्ट, बैंगल, ज्वेलड़ी, कांथा स्टीच आदि हैं।

इसके साथ ही प्राकृतिक खाद्य पदार्थ भी फूड स्टाल पर मौजूद हैं, प्राकृति क ख द्य पदार्थों के रूप मेंअदरकचायदाल,कॉफीपापड़एपलजैम और अचार आदि उपलब्ध रहेंगे।

सरस आजीविका मेला के दौरान देश भर के 24 राज्यों के हजारों उत्पादों की प्रदर्शनी और बिक्री होगी। ग्रामीण विकास मंत्रालयद्वारा यह एक मुहिम की शुरुआत की गई है जिससे कि हमारे देश के हस्तशिल्पियों और हस्तकारों को कोरोना के बाद एक बार फिर से अपनी रोजगार शुरु करने का मौका मिल सके।


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